ब्रज आँगन की यही लाडली, प्रेम अमिय बरसाय ब्रज आँगन की यही लाडली, प्रेम अमिय बरसाय
इंद्र धनुष सा देश लगेगा रंग अबीर गुलाल उड़ेंगे। इंद्र धनुष सा देश लगेगा रंग अबीर गुलाल उड़ेंगे।
आशिकों की निकली जान आशिकों की निकली जान
न सर्दी न गर्मी, मौसम सुहाता हँसी खुशी की खुशबू जीवन महकाता। न सर्दी न गर्मी, मौसम सुहाता हँसी खुशी की खुशबू जीवन महकाता।
दुनिया कितनी रंगीन भले पर जीना है तो संगीन तले दुनिया कितनी रंगीन भले पर जीना है तो संगीन तले
श्याम के जैसा ना कोई जहाँ में, मेरे मन में वो ही यहाँ में, श्याम के जैसा ना कोई जहाँ में, मेरे मन में वो ही यहाँ में,